मितवा,
आजकल अपना अँधेरा पहले जैसा सयाना नहीं रहा. पहले अपनी रूई की रज़ाई मुझ पर बिखेरता, हल्की आवाज़ में कोई धुन गुनगुनाता! मेरी पलकें आप-हीं भारी होने लगतीं. नीचे लिटाते ही आँखे बंद कर लेनेवाली गुड़िया की तरह मैं झट से सो जाती.
आज वही अँधेरा ऐसे लगता है, जैसे कोई पुराना दोस्त बिछड़ गया हो. अनजानों से भी ज्यादा अनजान. रूठता नहीं, मनवा लेना चाहता नहीं, मुझे जानना उसे गँवारा नहीं! बस आ जाता है फ़र्ज़अदाई करने -लिफ़्टमैन के बेजान सैल्यूट की तरह.
बातें भी करता है तो आवाज़ में एक अजीब बरफ़ीली ठंड होती है उसकी. मुँहनुचवी ठंड! पता नहीं, आँख में पानी उस ठंड की वजह से आता है या उसकी दूरी की वजह से.
एक बार एक बिलखती हुई बिल्ली को साथ ले आया. कितने देर तक मैं करवटें बदलती रही. दम घुट रहा था, मानो किसी नन्हें बच्चे का रोना सुन रही हूँ.
मुझे लगता है, सारी गलती उस स्ट्रीट लैम्प की है. अँधेरा उसके पीछे चोर-उचक्कों सा छिप छिप कर आने पे मजबूर हो जाता है. बचपना खो दिया है अँधेरे ने.
या फिर... मैंने?
आजकल अपना अँधेरा पहले जैसा सयाना नहीं रहा. पहले अपनी रूई की रज़ाई मुझ पर बिखेरता, हल्की आवाज़ में कोई धुन गुनगुनाता! मेरी पलकें आप-हीं भारी होने लगतीं. नीचे लिटाते ही आँखे बंद कर लेनेवाली गुड़िया की तरह मैं झट से सो जाती.
आज वही अँधेरा ऐसे लगता है, जैसे कोई पुराना दोस्त बिछड़ गया हो. अनजानों से भी ज्यादा अनजान. रूठता नहीं, मनवा लेना चाहता नहीं, मुझे जानना उसे गँवारा नहीं! बस आ जाता है फ़र्ज़अदाई करने -लिफ़्टमैन के बेजान सैल्यूट की तरह.
बातें भी करता है तो आवाज़ में एक अजीब बरफ़ीली ठंड होती है उसकी. मुँहनुचवी ठंड! पता नहीं, आँख में पानी उस ठंड की वजह से आता है या उसकी दूरी की वजह से.
एक बार एक बिलखती हुई बिल्ली को साथ ले आया. कितने देर तक मैं करवटें बदलती रही. दम घुट रहा था, मानो किसी नन्हें बच्चे का रोना सुन रही हूँ.
मुझे लगता है, सारी गलती उस स्ट्रीट लैम्प की है. अँधेरा उसके पीछे चोर-उचक्कों सा छिप छिप कर आने पे मजबूर हो जाता है. बचपना खो दिया है अँधेरे ने.
या फिर... मैंने?
4 Comments:
बचपना खो दिया है अँधेरे ने.
या फिर... मैंने?
badibi, aaisa laga ke ismai koi triveni chupi hai, puri ya fir uski tisari pakti..
aavada !!
Gr8! the last line actually hits you!
Great.
Laagi re ye kaise anabuz aag re
Mitaya na hi aaye
gayatri, tune meri sham sunahari kar di !
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